
Every time I listen to this, I find it fresher than ever.
सर उठा के मैंने तो कितनी ख्वाहिशें की थी
कितने ख्वाब देखे थे, कितनी कोशिशें की थी
जब तू रूबरू आया
जब तू रूबरू आया, नज़रें ना मिला पाया
सर झुका के एक पल में
सर झुका के एक पल में मैंने क्या नहीं पाया… … …